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Maithili Fakra | 100+ Maithili Fakra List
Maithili Fakra (Maithili Proverbs) are traditional words or sentences in the Maithili language. Just like proverbs in other languages, Maithili proverbs are short and have deep meanings. People have been passing them down from one generation to another, and we often hear them in daily talks, stories, and books.
Some Maithili Fakra may offer advice, moral lessons, or observations about human behavior, nature, and society. They tell us a lot about the Maithili culture and what people have learned over time.
100 Maithili Fakra List :
Let’s explore some list of maithili fakra that are usually spoken in Mithila–
S. No. | फकरा |
1 | बाप के नाम साग पात, बेटा के नाम परोर |
2 | देखले दरभंगा, चिन्हले चपरासी |
3 | जुरय लाय नै, खाय बतासा |
4 | जुड़ै मियाँ के माँड नैय, माँगय मियाँ ताड़ी |
5 | साँय बहू में झगड़ा, पंच भेल लबरा |
6 | बाप के नाम लत्ती फत्ती, बेटा के नाम कदीमा |
7 | मारि माछ ने, उपछी खत्ता |
8 | पाइन में माछ, नौ नौ कुटिया बखरा |
9 | बाप छल पेट में, पूत गेल गया |
10 | मूर्खक लाठी, बिच्चे कपार |
11 | हौर बाहा से खर खाए, बकरी खाए अंचार |
12 | मुरखाहा के धन भेल, कबिलाहा ठगि ठगि खाय |
13 | भुसकोल विद्यार्थी के गत्ता मोट |
14 | पेट में खर नय, सिंग में तेल |
15 | चिन्हे न जाने, मौसी मौसी करे |
16 | खस्सी के जान जाय, खवैया के स्वादे नैय |
17 | कानय के मोन छल त आईंख में गरल खुट्टी |
18 | अनकर धान पाबि त अस्सी मन तौलाबी |
19 | अन्हार घर साँपे साँप |
20 | माय बाप बिसैर गेलौं त बहू भेल फैमिली |
21 | पैसा न कौड़ी आ बीच बजार में दौड़ी |
22 | हम चराबी दिल्ली दिल्ली आ हमरा चरबय घरक बिल्ली |
23 | माय बाप करे कुटान पिसान, बेटा के नाम दुर्गा दत्त |
24 | मरय के मोन नै त उइठ उइठ बैठी |
25 | अपने खाय लेल, गोइठा बिछय छल |
26 | करनी ने धरनी आ सुवर्णी नाम |
27 | काइंख तरि अँचार आ देखाबय पोथी के बिचार |
28 | जेकर माय मरल तेक्कर पत्ता पर भाते नै |
29 | जे भोज नै करे, से दाइल बड्ड पीबे |
30 | करनी देखियौन मरनी बेर |
31 | मुँह ने कान, बिच्चे में दोकान |
32 | खो मंगला परल रह |
33 | जेत्ते के बहु नै ओत्ते के लहठी |
34 | सरलो भुन्ना रोहू के दुन्ना |
35 | अघाएल बगुला के पोठी तीत |
36 | नाम बड़का बाबू आ धोती भाड़ा पर |
37 | जे सब सौं छोट से उनचास हाथ |
38 | मेहनत करे मुर्गी आ अंडा खाय दरोगा |
39 | हरबरी के बियाह में कनपट्टी पर सिन्दूर |
40 | राम भरोसे हिन्दू होटल |
41 | हाथ पाँव में दम नै आ ककरो स कम नै |
42 | देह पर नै लत्ता, आ चलय कलकत्ता |
43 | बाँध से खड्ढा ऊँच |
44 | अलखोसरी के दू टा फोसरी भेल, एक गो फुटि गेल, एक गो टहकै ये |
45 | बात मानलौं मुदा खुट्टा गारब बिच्चे में |
46 | अनेर-धुनेर के राम रखवार |
47 | अपना लेल लल, गोइठा बीछय चल |
48 | अन्हा गांव मे कन्हा राजा |
49 | अनकर धन पाबी त अस्सी मौन तौलाबि |
50 | ओझा लेखे गाम बताह, गामक लेखे ओझा बताह |
51 | अघायल बक के पोठी तीत |
52 | कनियाँ बरक झगड़ा, पंच भेल लबरा |
53 | कोढिया उठला त भैर घर तमला |
54 | खस्सी के जान जाय, खेबैया के स्वादे नय |
55 | खीरा खा क पेनी तीत |
56 | घर आंगन भौजी के छलछल करै ननदो |
57 | माय करै कुटान-पीसान, बेटा कें नाम दुर्गादत्त |
58 | चलय नय आबय त अंगना टेड़ |
59 | चोरक मुंह चान सन |
60 | चालनि दूसलैन सूप के जिनका सहस्त्र टा छेद |
61 | जखन नंगटे नहायब. तय गाड़ब की |
62 | जिदगर कनियां के भैंसुर लोकनिया |
63 | पेट बिगेराय मुरही घर बिगारेय बुरही |
64 | राजा दुःखी प्रजा दुःखी, जोगी के दुःख दूना |
65 | पहिरने ओढने कनियाँ-वर, निपने-पोतने आंगन-घर |
66 | तीन तिरहुतिया तेरह पाक, ककरो चुड़ा दही ककरो भात |
67 | नर न झर पेटपफूला दिओर |
68 | भुसकौल विद्यार्थी के गत्ता मोट |
69 | सरल गाय बाभन के दान |
70 | सोनरा के सेवने कान दूनू सोन, बनिया के सेवने छजल भरि नून |
71 | हरबरी बियाह, कनपट्टी सेनुर |
72 | बहिरा नाचे अपने ताले |
73 | हर बहय से खर खाय, बकरी खाय अचार |
74 | सैंया सँ छुटटी नहि, दिओर मांगे चुम्मा |
75 | सब सखी झुमैर खेलै, लूल्ही कहैय हमहूं |
76 | बहैय बरद आ हकमैय कुक्कुर |
77 | धोबी के कुकुर न घर के न घाट कें |
78 | बियाह सं विध् भारी |
79 | जेकर बड़की जिलाही तकर छोटकी भारे लागल खाय |
80 | सरलौ भुन्ना त रहू के दुन्ना |
81 | सस्ता गहूम, घर घर पूजा |
82 | माय मरइहैं ध्यिा लेल, ध्यिा मरिहहै ब्याहता सांय ले |
83 | ककरो बोर-बोरे नून , ककरो रोटियो पर आपफत |
84 | बाप छल पेट में, पूत गेल गया |
85 | बाप जनमल अनड़ियाँ मे, बेटा नाम पावर हाउस |
86 | बाप के नाम लत्ती फत्ती, बेटा के नाम कदीमा |
87 | भुखले मुन परे कोबरक खिड़ |
88 | सभ धन बाइस पसेरी |
89 | नय मारि माछ ने, नय उपछी खत्ता |
90 | मूर्खक लाठी, बिच्चे कपार |
91 | पैसा नय कौड़ी आ बीच बजार मे दौड़ा-दौड़ी |
92 | जुड़ै मियाँ के माँड नैय, माँगय मियाँ ताड़ी |
93 | हम चराबी दिल्ली दिल्ली आ हमरा चरबय घरक बिल्ली |
94 | मूर्खक लाठी, बिच्चे कपार पेट में खर नय, सिंग में तेल |
95 | सांझ प्राति भोर बसंत तखने बुझ्लौं गीत गायिनक अंत |
96 | चलनी दुसलक बारहेन के जकरा अपने मे 62टा छेद अईछ |
97 | नींद त बचपन मे आबई छलई आब त बस बियाह क सपना आबई छै |
98 | अनकर धन पाबी त अस्सी मौन तौलाबि |
99 | सावन में जनमल गीदर, भादव में आयल बाढ, कहलक ई बाढ कहियो ने देखलो |
100 | चला नय आबा त आँगन टेढ़ |
101 | हर बहय से खर खाय और बकरी खाई आचार |
102 | मुह मुसहरनि….आ बनी धनकईन |
103 | जय भोज में नोत नै तै भोज में कुक्कुर मरे |
104 | भुसकोल विद्यार्थी के गत्ता मोट |
Use of maithili proverbs(maithili fakra) in Mithila :
In Mithila, people use Maithili proverbs, called “Maithili fakra,” a lot in their daily lives. These proverbs are like wise sayings that have been shared from parents to children for ages. They make conversations more interesting and meaningful, whether you’re talking casually with friends, at a formal event, or during a special ceremony.
Maithili proverbs are handy tools for talking because they help explain complicated ideas in simple ways that everyone can understand.
In Mithila, Maithili proverbs aren’t just words; they show what’s important to the culture. They help keep alive the knowledge, morals, and traditions of the past, passing them on to new generations.
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FAQs on Maithili Proverbs (Maithili Fakra) :
- What are Maithili Proverbs?
Maithili Proverbs, also known as Maithili Fakra, are traditional words or sentences in Maithili language that carry wisdom, cultural values, and insights into life.
- How are Maithili Proverbs Used in Everyday Life?
Maithili proverbs, known as Fakras, are a big part of everyday life in Mithila and places where people speak Maithili. We use them when we talk, tell stories, and write in books to share ideas, give advice, or talk about how people act and society works.
- What Makes Maithili Fakras Significant?
Maithili Proverbs are significant because they reflect the cultural heritage and wisdom of the Maithili-speaking people.
- How Are Maithili Proverbs Passed Down Through Generations?
Maithili Proverbs are typically passed down orally from parents, grandparents, and elders to younger generations. They are shared in everyday conversations, family gatherings, and community events, ensuring their continued presence in Maithili culture.