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Chandrayaan-3 Important Facts in Hindi | Intresting Facts about Chandrayaan 3
Chandrayaan-3 इसरो का एक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है । इसरो ने chandrayaan-3 की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। chandrayaan-3 chandrayaan-2 का ही एक फॉलोअप मिशन है।
चंद्रयान 3 को 14 जुलाई को 2:35 बजे लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले भारत ने चाँद पर चंद्रयान-1 एवं चंद्र यान 2 को भेजा था।
तो आइए जानते हैं chandrayaan-3 से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में (Intresting Facts about Chandrayan 3 in hindi) जिनके बारे में आपको भी पता होना चाहिए।
1. Chandrayaan-3 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा ।
chandrayaan-3 मिशन का उद्देश्य है चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना और उसका परीक्षण करना। इसमें एक सेसर भी जोड़ा गया है तथा इसके साथ ही इसकी एल्गोरिथ्म में भी परिवर्तन किए गए हैं। अगर भारत ऐसा करने में सफल हो जाता है तो भारत चाँद पर उतरने वाला विश्व का चौथा ऐसा देश बन जायेगा।
2.सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग (safe and soft landing)
चंद्रयान -3 का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग (safe and soft landing) करना है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सटीक लैंडिंग हासिल करने में भारत की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करना है।
3. रोवर एक्सप्लोरेशन (Rover Exploration)
चंद्रयान-3 चंद्रमा पर घूमने और एक्सप्लोर करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रमा की सतह पर एक रोवर तैनात करेगा। रोवर इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग (in-situ scientific experiments) करेगा और चंद्र पर्यावरण (lunar environment) के बारे में बहुमूल्य डेटा एकत्र करेगा।
4. “डार्क साइड ऑफ मून”
चंद्रयान 3 चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारा जायेगा, जिसे डार्क साइड ऑफ मून कहा जाता है। क्योकिं इसके विषय में दुनिया को अधिक जानकारी नहीं है।
चंद्रयान 1 मिशन के दौरान यह पता लगाया था कि साउथ पोल पर बर्फ है।
5. ऑर्बिटर नहीं होने से क्रैश होने का खतरा होगा कम
इस बार chandrayaan-3 में और बेटा नहीं होने की वजह से इसके क्रैश होने का खतरा काफी कम हो जाएगा। भारत द्वारा भेजा गया chandrayaan-2 का और मीटर पहले से ही जान का चक्कर लगा रहा है। chandrayaan-3 को उसी और मीटर के साथ जोड़ा जाएगा।
6. प्रौद्योगिकी प्रगति (Technological Advancements)
चंद्रयान-3 को अंतरग्रहीय मिशनों (interplanetary missions) के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित करने और प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अंतरिक्ष यान इंजीनियरिंग, लैंडिंग सिस्टम और खगोलीय पिंडों (celestial bodies) पर गतिशीलता और क्षमताओं में प्रगति में मदद करेगा।
7.चंद्र दक्षिणी ध्रुव की खोज
चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (lunar South Pole) पर उतरने वाला पहला मिशन होगा। यह क्षेत्र अपने स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों के कारण विशेष रुचि रखता है, जहां पानी की बर्फ के होने का भी अनुमान लगाया जा रहा है। चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य इस अज्ञात क्षेत्र की अद्वितीय भूविज्ञान और संरचना (unique geology and composition) का अध्ययन करना है।