8. लैंडिंग साइट की विशेषता

तापीय चालकता (thermal conductivity) और रेजोलिथ गुणों (regolith properties) जैसे कारकों सहित, चंद्र दक्षिणी ध्रुव के पर्यावरण का विश्लेषण करके, चंद्रयान -3 लैंडिंग साइट (Chandrayaan-3 landing site) का पता लगाने में मदद करेगा। यह जानकारी भविष्य के चंद्र मिशनों और संभावित मानव अन्वेषण (human exploration) के लिए महत्वपूर्ण होगी।

9. चंद्रयान-3 मिशन क्या है?

चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में किए गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है। इस मिशन में लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा। जिसके माध्यम से जानकारी एकत्र की जाएगी।

10. चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 में क्या अंतर है?

चंद्रयान-2 में लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर था। जबकि चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल है। जरुरत पड़ने पर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की मदद ली जाएगी। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर छोड़कर, चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगाता रहेगा। यह कम्यूनिकेशन के लिए होगा।

11. भारत ने 1984 में चाँद पर रखा था कदम

भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को चांद पर कदम रखा था । राकेश शर्मा भारत के प्रथम एवं विश्व के 138 वें अंतरिक्ष यात्री थे। उनकी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान जब भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है ? तो राकेश शर्मा ने उत्तर दिया – “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा”।

12. कामयाबी मिली तो भारत होगा चौथा देश

इस मिशन के में ISRO के द्वारा चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जायेगी। और अगर ऐसा करने में ISRO सफल हो जाता है तो भारत चौथा ऐसा देश होगा। इससे पहले रूस, चीन और अमेरिका को इसमें सफलता प्राप्त हुई है।

Interesting Facts About Chandrayaan 3 :

  • Chandrayaan-3 is the Indian Space Research Organisation’s (ISRO) third moon exploration project.
  • The mission will feature a lander and a rover, similar to Chandrayaan-2, but no orbiter.
  • Vikram, after the great Indian scientist Vikram Sarabhai, will be the name of the lander.
  • Pragyan, which means “wisdom” in Sanskrit, will be the name of the rover.
  • The mission will be launched from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, India, on a GSLV-Mk3 rocket.
  • The launch date and time have been set for July 14, 2023, at 2:35 PM.
  • On August 23, 2023, the lander is expected to soft-land on the Moon.
  • The lander will launch the rover, which will explore the lunar surface for up to 14 days.
  • A variety of scientific instruments will be carried aboard the mission to research the Moon’s surface, geology, and atmosphere.
  • Chandrayaan-3 is the fourth mission of the LVM3 rocket. The rockets will transport the 3,900 kg (3.9 tonnes) Chandrayaan-3 spacecraft.